बस थोडा बहुत लिख लेता हूँ.. कवि। लेखक। कहानीकार। - अम्बर की बातें #amberkibaatein
नहीं चला मैं.. इन..जानी पहचानी राहो पर..कई दफा ज़लील भी हुआ..इन राहो पर.. ना..चलने की वजह से..जब बाकी कर रहे थे.. पढाई..तब..मैं कर रहा था..तकदीर से लड़ाई..By Amber Jain
एक ऐसा शख्स जरुर हो..जो...सुबह की पहली किरण के साथ..तुम्हारी सारी उदासी दूर कर दे...और...शाम होते होते..जिसके सामने तुम अपने दिल की खिड़की खोल के..दिन भर की..सारी अच्छी बुरी बाते.. बाँट सको...By Amber Jain
एक माँ कुछ इस तरह अदभुत है कि... कोमल दिखते हुए भी...इतनी मजबूत है...कुछ इस तरह से माँ मेरा ख्याल रखती आई है... की...मैं खुद से ज्यादा उनका एक हिस्सा रहा हूं...By Amber Jain
अम्बर.. रुक जा.. ठहर जा..उस एक भटके मुसाफिर की तरह..उस एक घायल परिंदे की तरह..लौट आ.. अम्बर.. लौट आ..By Amber Jain
यहाँ ज़िन्दगी की हर पल नौकरी कर रहे है..जिसके बदले ज़िन्दगी.. रोज़ साँसों की तनख्वाह दे रही है..और...कभी कभी तो ज़िन्दगी.. ये साँसों की तनख्वाह का भी हिसाब ले लेती है...ज़िन्दगी... तू भी रोज़ क्या खेल खेलती है...By Amber Jain
एक ऐसी दुनिया हो..जहां..रात..तारों की चादर ओढे..सुकून का तकिया लिए बीते..और..दिन..उस बेफिक्रे अम्बर के नीचे..रोज़ कोरे कागज़ पर..नए किस्से लिखने मे जाए...By Amber Jain